प्रत्येक श्रद्धालु चाहे वह किसी भी देश भेष में या संप्रदाय से सम्बंधित ही क्यों न हो दुर्गासप्तशती महाकथा का आशय पा कर अपनी मनोकामना सिद्ध कर सकता है। जय माता रानी की।saptashati

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